आजादी के बाद की सबसे बड़ी इमरजेंसी का सामना कर रही इकोनॉमी, विपक्ष की मदद ले सरकार-राजन

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आजादी के बाद के 'सबसे बड़े आपातकाल' का सामना कर रही है और यह साल 2008—09 की वैश्विक मंदी से भी गहरा संकट है. उन्होंने कहा कि सरकार को इसका हल निकालने के लिए विपक्षी दलों और एक्सपर्ट की मदद लेनी चाहिए.


शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर राजन ने ‘हाल के समय में संभवत: भारत की सबसे बड़ी चुनौती’ शीर्षक से पोस्ट किए गए एक ब्लॉग पोस्ट यह बात कही है.


पीएमओ से नहीं हो सकता सब कुछ कंट्रोल


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राजन ने कहा कि सारे काम प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से नियंत्रित होने से ज्यादा फायदा नहीं होगा क्योंकि वहां लागों पर पहले से काम का बोझ ज्यादा है. उन्होंने कहा, ‘अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है. सरकार को उन लोगों को बुलाना चाहिये जिनके पास साबित अनुभव और क्षमता है. भारत में ऐसे कई लोग हैं जो सरकार को इससे उबरने में मदद कर सकते हैं.'


भारत के पास है उबरने का रास्ता


राजन ने यह भी कहा कि यदि उचित तरीके तथा प्राथमिकता के साथ काम किया जाए तो भारत के पास ताकत के इतने स्रोत हैं कि वह महामारी से न सिर्फ उबर सकता है बल्कि भविष्य के लिये ठोस बुनियाद भी तैयार कर सकता है.





 




कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...